“ठीक है”
January 11, 2013 Leave a comment
देश में घोटालों की भरमार है,
गूंगे – बहरों की ये सरकार है।
गुंडे और बदमाश घूम रहे सडकों पे निर्भीक हैं,
बाकी सब “ठीक है”।
उठाओगे आवाज़ तो दबा दी जाएगी,
बस चले तो ये सरकार देश को ही बेचकर खा जाएगी।
सफ़ेद झूठ बोलना इनकी रीत है,
बाकी सब “ठीक है”।
प्यादों को कुर्सी पे बिठाकर,
मचा रखा मैडम ने है ग़दर।
कुंवर साहब नदारद हैं,
बाकी सब “ठीक है”।
(“ठीक है” को समर्पित)