पिया
April 19, 2013 4 Comments
तेरी वो खिलखिलाती हँसी और नाजु़क हथेली,
मुस्कुराना तेरा बंद करके पलके, अजीब सी है पहेली।
हर बात पर तू रठ जाती और आँखों से मोती टपकाती है,
तेरी रोज़ की इक नई अदा, मुझको तो बहुत भाती है।
वो नींद से उठकर तेरा डगमगाते कदमों से आना,
और कितने प्यार से बाहों मे मेरी समा जाना।
इशारे तेरे अब तुतलाते शब्दों में ढलने लगे हैं,
तेरे प्यार में पिया पापा फिसलने लगे हैं।
(मेरी प्यारी बेटी पिया के लिए)
That’s really really sweet…..an ode to a loving daughter!
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Thanks much !
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🙂
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WOw shoo shweet!
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