तुम…
January 22, 2015 3 Comments
Photo Credit : @yourworldmylens (Instagram)
तुम तुम्हारी शरारती हँसी,
और हमारी कभी न ख़त्म होने वाली बातें।
अनगिनत चाय की प्यालियां,
और तेरे कान की वो बालियां।
मेरा तुझे देखकर मुस्कुराना,
आँखों से पूछ कर सवाल तेरा शर्माना।
मेरा बात-बात पर नाराज़ होना,
और तेरा हर बार मुझे मना पाना।
तेरा वो कोशिश करना थामने की मेरा हाथ,
और मेरा हंसी में उड़ा देना हर बात।
वो हमारे ख़्वाब और उम्मीद से भरी बात,
सुबह के इंतज़ार में काटी हर रात।
जाने क्यों ख़्वाब वो पानी के बुलबुले से हुए,
एक पल में उभरे दूसरे पल कहीं खो गए।
#दिलसे
Reblogged this on Dil Se… and commented:
Reposting this short poem with a photo, which I believe compliments it!
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जाने क्यों ख़्वाब वो पानी के बुलबुले से हुए,
एक पल में उभरे दूसरे पल कहीं खो गए।
बहुत खूब! 🙂
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धन्यवाद…
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