दरिया…
April 24, 2022 Leave a comment

An expression of my thoughts and writer within….
February 16, 2016 Leave a comment
भागती उम्र को इरादों से जो थाम लेते हैं,
जाने क्यूँ लोग उन्हे यूँ ही इल्ज़ाम देते हैं।
#दिलसे
February 26, 2015 1 Comment
गुज़र रही है जिंदगी,
दूर और कभी करीब से।
कमा लेते हैं खासा,
फिर भी हैं गरीब से।
भरी जेठ की दुपहरी,
ठिठुरती पूस की ठण्ड।
महफ़िलें थी जमा करती,
बैठ अपने यारों के संग।
हर रोज एक नया खेल,
कितना सब थे झगड़ते।
सीटियों के इशारों से,
दोस्त हमें बुलाया करते।
कल की हमे फ़िक्र कहाँ,
आज में जीना था आता।
बहुत से ऐसे भी थे जिन्हें,
रोज चेहरा नया भाता।
फिर एक रोज ये सुना,
की अब हम बडे हो गए,
जिंदगी की कश-म-कश में,
खुद से ही कहीं खो गए।
वो दिन पल लौटकर,
अब कभी ना आएंगे।
ऐ जिंदगी हार न मानेंगे,
लड़ते यूँही हम जाएंगे।
aaj ki shairi
My honest take on personal excellence, a journey of becoming better version of myself through my experiences, interactions or readings!
Traveler!!!! on the road
Exploring madness***
लिखो, शान से!
जो जीता हूँ उसे लिख देता हूँ
This blog is nothing but my experiences of life and my thoughts towards the world.
The Shards of my Self