अच्छे दिन – आ गए हैं।

सुना की अच्छे दिन आ गए हैं,
साड़ी-शाल के तले असली मुद्दे दफना गए हैं।
दूसरे मुल्कों को करोडों की मदद,
दिखती नही खुद के देश में महंगाई की हद्द।
औरों को छाती ठोक ठोक देते रहे जो ताने,
खुद के मंत्रियों के उन्हे दिखते नहीं कारनामे।
नयी राह नयी दिशा की बात करने वाले,
पिछली सरकारों पर अब हर बात को डालें।
विदेशी बैंको में काले धन का जो पीटते रहे ढोल,
जादू की छड़ी नहीं हाथ में वो अब रहे हैं बोल।
भर्ष्टाचारियों को सलाख़ों के पीछे पहुंचाएंगे,
लेकिन अपने भर्ष्ट नेताओं को मंत्री बनाएंगे।
भाषणों की धूल से जनता की आँखो में छा गये हैं,
अच्छे दिन – बड़ी बड़ी बातों के तो यक़ीनन आ गए हैं।

गज़ भर ज़मीन..

दिखा कर सितारों से भरा आसमान,
गज़ भर ज़मीन से भी अब इनकार है उनको।

सवाल..

उंगलिया तो उठेंगी ही,
सवाल पूछे जायेंगे।
दूसरों के दामन से खेलने वाले,
खुद भी कहाँ बच पायेंगे।

अच्छे दिन – आने वाले हैं!!

सुना था अच्छे दिन आने वाले हैं,
गुजरात का मॉडल देश में अपनाने वाले हैं।
विदेशी बैंकों से वापस लायेंगे काला धन,
यमुना का साबरमती सा कर देंगे वातावरण।
देश को महंगाई की मार से बचाएंगे,
दामाद जी को सलाख़ों के पीछे पंहुचाएंगे।
होने न देंगे देश में विदेशी निवेश,
धूल में मिला देंगे पकिस्तान जैसा देश।
भ्रष्टचार हो जाएगी बात पुरानी,
नहीं बख्शा जायेगा अम्बानी हो या अदानी।
अमरीका के वीसा की जरुरत नहीं हमें,
हिंदुस्तान को ही अमरीका बनाएँगे।
बस करो 5 साल इंतज़ार,
अच्छे दिन जरूर आयेंगे।

हिंदी…

सारी दुनिया को सलाह हिंदी की,
खुद ट्विटर पे अंग्रेजी से हाले दिल बयान करते हैं।

बारिशें

अँधभक्ति का देखो कैसा है आलम,
हर किसी को भाया बस एक ही बालम।
बांधे आँख पर पट्टी भेडों की कतारें,
एक ही नाम की चीख-पुकारें।
दरकिनार कर कितने ही धुरंधर,
एक ही है यहां चौडे सीने का सिकंदर।
आलापना सिर्फ मैं-मेरा का राग,
अपने सिवा सबके माथे पर है दाग।
खुद को बेचने में करोडों फूंक डाले,
कहते हैं देश पूरा कर दो इनके हवाले।
नई सोच को झुठलाने की पुरजोर कोशिशें,
पर बादल घिर आऐ हैं तो होकर रहेंगी बारिशें।

(Inspiration – Current political situation in the country, and a huge population blindly following one man)

Flame

aaj ki shairi

Candid Conversations by Rinku Bhardwaj

My honest take on personal excellence, a journey of becoming better version of myself through my experiences, interactions or readings!

Umesh Kaul

Traveler!!!! on the road

What do you do Deepti

Exploring madness***

आज सिरहाने

लिखो, शान से!

abvishu

जो जीता हूँ उसे लिख देता हूँ

Bhav-Abhivykti

This blog is nothing but my experiences of life and my thoughts towards the world.

Ruchi Kokcha Writes...

The Shards of my Self

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