साथ मेरे….
December 2, 2014 2 Comments
बिन कुछ कहे
बिन कुछ सुने
बस चार कदम
चल दो साथ मेरे।
ना तुम मुझे देखो
ना देखूँ मैं तुम्हे
बस थाम लेना
तुम हाथ मेरे।
अनकहे शब्दों से
रास्तों की
ख़ामोशी से
समझो जज़्बात मेरे।
चार कदम ही बस
चल पाये साथ तेरे
कुछ ऐसे थे
हालात मेरे।