कश…
November 14, 2014 Leave a comment
कश्मकश
कश
तीरे तरकश।
सुलगती
सिग्रेट
लबों पर।
उबलती
चाय
हर कश पर।
सुलगता
दिल
किसको फ़िक्र।
कटता
यूँही
जिंदगी का सफ़र।
An expression of my thoughts and writer within….
November 14, 2014 Leave a comment
कश्मकश
कश
तीरे तरकश।
सुलगती
सिग्रेट
लबों पर।
उबलती
चाय
हर कश पर।
सुलगता
दिल
किसको फ़िक्र।
कटता
यूँही
जिंदगी का सफ़र।
March 27, 2014 Leave a comment
बहुत उम्दा…
तेरी याद गोया,
सिगरेट का धुंआ है!
साँसों में घुल के
उतर जाती है रगों में,
जलाती है दिल-जिगर सब..
आह! सी निकलती है मुंह से,
लबों पर छोड़ जाती है,
कुछ सियाह रातों की कालिख़,
कुछ कहे-अनकहे लफ़्ज़ों का
कड़वा-तल्ख़ सा स्वाद.
ज़रा देर को,
तेरे नक्श,
हवा में,
उभरते हैं,
ठहरते हैं,
बिखरते है,
फिर सुलगते है
तेरी तलब जाना…
शांत नहीं होती!
तेरी याद गोया,
सिगरेट का धुंआ है!
-शिखर
aaj ki shairi
My honest take on personal excellence, a journey of becoming better version of myself through my experiences, interactions or readings!
Traveler!!!! on the road
Exploring madness***
लिखो, शान से!
जो जीता हूँ उसे लिख देता हूँ
This blog is nothing but my experiences of life and my thoughts towards the world.
The Shards of my Self