ख़्वाहिश….
February 23, 2016 2 Comments
गीतों में ढल के
और हल्के हल्के
ख़्वाबों में आना
कभी चलते चलते।
तुम्हे है बताना
मोहब्बत मेरी वो
वहीँ पर खड़ी है
ज़िद्द पर अड़ी है।
यूँ रूठी रहोगी
और कब तलक तुम
तारे था लाया
फ़लक से मैं चुन के।
तुम्हे है भूलाना
है खुद को मिटाना
तेरी ये ख़्वाहिश
अब मेरी जिंदगी है।
#दिलसे