साए…
February 29, 2016 Leave a comment
कब तक सायों के पीछे भागना,
यूँ रात-रात भर कब तक जागना।
#दिलसे
An expression of my thoughts and writer within….
February 29, 2016 Leave a comment
कब तक सायों के पीछे भागना,
यूँ रात-रात भर कब तक जागना।
#दिलसे
February 16, 2016 2 Comments
नींद से उठकर अक्सर मैं जाग जाता हूँ,
खुद को इन दिनों तन्हा बहुत पाता हूँ।
#दिलसे
February 8, 2016 Leave a comment
ना पूछता कुछ ना ही कुछ बताता है
अपना हक़ भी अब नहीं जताता है,
मेरी तो बस आँखों में ही गुज़रती है
तू रात ऐ यार रोज़ कैसे सो पाता है।
#दिलसे
January 27, 2016 Leave a comment
रात भर याद तुझे करता रहा
आग़ोश को तेरे तड़पता रहा,
तड़प ये उम्र भर की हो शायद
दिल फिर भी तेरे लिए मचलता रहा।
#दिलसे
January 27, 2016 Leave a comment
आँखों से आज फिर गुज़र रही है…
ये नींद भी कमबख्त रोज़ ही मर रही है।
#दिलसे
December 27, 2015 Leave a comment
आज की रात फिर से कहीं,
नींद चहलकदमी पर है।
कहो तो एक नया गीत,
तुम्हारे नाम लिख दूं।
शब्दों में ढ़ाल कर तुम्हे,
एक और नए रुप में देखूं।
मुस्कुराना तुम खुद को,
नया सा फिर से पा कर।
और मैं रात ख़्वाबों में,
एक बार फिर से तुम्हे देखूं।
August 2, 2015 Leave a comment
मुमकिन नहीं ताउम्र सायों के पीछे भागना,
दम तोड़ने लगा है अब रात-रात भर जागना।
India Bharat
aaj ki shairi
My honest take on personal excellence, a journey of becoming better version of myself through my experiences, interactions or readings!
Traveler!!!! on the road
Exploring madness***
लिखो, शान से!
जो जीता हूँ उसे लिख देता हूँ
This blog is nothing but my experiences of life and my thoughts towards the world.
The Shards of my Self