आँसू…
February 8, 2016 Leave a comment
एक दौर था जब आँसू भी मेरे ना वो देख पाते थे,
आलम ये है की ज़िगर का खून भी पानी नज़र आता है।
#दिलसे
An expression of my thoughts and writer within….
February 8, 2016 Leave a comment
एक दौर था जब आँसू भी मेरे ना वो देख पाते थे,
आलम ये है की ज़िगर का खून भी पानी नज़र आता है।
#दिलसे
January 16, 2016 3 Comments
हाँ मेरा तुम पर अधिकार नहीं
जीवन में अब वो रस-धार नहीं,
जिन आँखों ने स्वपन सजोये थे
उन नैनों में अब अश्रुधार सही।
इस हृदय ने चाहा था तुम्हे कभी
वो पल हर-पल जैसे हो यहाँ अभी,
मन ने कितने ही थे जो महल बनाये
पग-पग में सब बिखरे धूमिल यहीं।
इन हाथों में थामें हाथ तुम्हारा प्रिये
कितने ही मौसम दोनों हम संग जिए,
नक़्शे खींचे थे कुछ जीवन की राहों के
जुदा मंज़िलों पर हम फिर चल दिए।
तुम्हे समझा पाने के सब प्रयत्नों से
दूर निकल चली तुम मेरे जतनों से,
विजयी ध्वज कुछ फहराने थे पर
जीवन में अब हार मिली तो हार सही।
#दिलसे
January 10, 2016 5 Comments
गुज़रा तेरे शहर से…तो कुछ ख़त्म सा था,
आँख में आंसू की जगह…एक ज़ख्म सा था।
तुझे भुला देने के सिवा…कोई सूरत भी नहीं,
कभी जिंदगी में मेरीे…तू मलहम सा था।
December 31, 2015 Leave a comment
ये साल भी गया
तेरा ख़्याल ना गया
कल महकती रात में
मेरा एक और रुमाल गया।
#दिलसे
August 14, 2015 Leave a comment
मोहब्बत में इतनी शिकायतें अच्छी नहीं होती,
दिल दुखता है देख तेरी आँखों से गिरते मोती।
April 14, 2015 2 Comments
तेरी मेरी चाहतों के सिलसिले,
बीच राह में कुछ यूँ टूट जाएंगे।
जिंदगी के इस लम्बे सफ़र में,
हाथ अपने क्या आज छूट जाएंगे।
मुस्कुराहट में तेरी दर्द की आहट,
ये हंसी ही कभी देती थी राहत।
ज़ुबाँ को शब्द कुछ सूझते नहीं,
अपने इस अंजाम पर होता ना यकीं।
काँधे पर अपने मुझे रखने दे सर,
आखिरी शायद आज अपना ये सफ़र।
(Inspiration – A teary-eyed young couple in Delhi Metro on the verge of seperating)
India Bharat
aaj ki shairi
My honest take on personal excellence, a journey of becoming better version of myself through my experiences, interactions or readings!
Traveler!!!! on the road
Exploring madness***
लिखो, शान से!
जो जीता हूँ उसे लिख देता हूँ
This blog is nothing but my experiences of life and my thoughts towards the world.
The Shards of my Self