धर्म…
April 22, 2020 Leave a comment

#दिलसे #DilSe
An expression of my thoughts and writer within….
October 1, 2015 Leave a comment
धर्म के खुदाओं से
ज़हर उगलने वाले
उनके आकाओं से
जाकर ये पूछे कोई
कब तक पाखंडों से
अपने इन षडयंत्रो से
बस जीना भर जो चाहें
उन्हे काटते तुम रहोगे?
खोखले अपने विचारों
और झूठ के सहारों से
चैन से जी रहे हमारे
समाज को बांटते रहोगे
जलते घर बिलखते बच्चे
तुम्हारे भी हो सकते हैं
अपनों को खोने का दर्द
कैसे भला तुम समझोगे?
March 31, 2015 Leave a comment
सिर्फ रंगो से अब तो पहचाना मैं जाता हूँ,
भगवा में हिन्दू हरे में मुस्लमान कहलाता हूँ।
December 17, 2014 1 Comment
नन्ही लाशों को लाये काँधे पर उठाये,
सुबह ही जो अपने हाथों से नहलाये।
चेहरा जी भर देख लूं ज़रा चादर तो हटाना,
बोलकर गया था माँ आज खीर बनाना।
गालों को उसके चूम लूं में बस एक बार,
कितनी जतन् से सुबह किया था तैयार।
नन्ही उंगलियो को थाम लूं पल भर और,
रोक लेती उसे जो चलता मेरा जोर।
आज आखिरी बार इसे गले से लगाऊँ,
खुद को ये बात भला कैसे मैं समझाऊँ।
इन मासूमों को मार हासिल क्या हुआ,
जमाने भर की लगेगी तुम्हे बददुआ।
इतना नाज़ुक बदन छलनी-छलनी कर डाला,
याद रखना तुम्हे वो माफ़ नहीं करने वाला।
(शायद कुछ ऐसे ही ख्याल हर उस मासूम की माँ के दिल में आए होंगे, जब अपने दिल के टुकडे को गोलियों से छलनी बेजान पाया होगा)
December 12, 2014 2 Comments
कुछ बदल रहा है,
सब जल रहा है।
धर्म का धुआँ,
समाज निगल रहा है।
मैं हिन्दू हूँ,
और तू मुस्लिम।
आज हर ओर,
यही चल रहा है।
बाँट कर समाज,
फैला सांप्रदायिक उन्माद।
कुछ लोगों का,
धंधा फल रहा है।
रोज दंगों की खबर,
खौफ हर पहर।
एक बार फिर,
ये देश उबल रहा है।
September 1, 2014 Leave a comment
धर्म की दुहाई मत दो, ना बाँटो लोगों को;
मिलता है जो मंदिर में, वही मस्जिद में भी पाया जाता है।
India Bharat
aaj ki shairi
My honest take on personal excellence, a journey of becoming better version of myself through my experiences, interactions or readings!
Traveler!!!! on the road
Exploring madness***
लिखो, शान से!
जो जीता हूँ उसे लिख देता हूँ
This blog is nothing but my experiences of life and my thoughts towards the world.
The Shards of my Self